सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

दलहनी फसलांे के लिए खड़ीन का इस्तेमाल करेंःनेहरा किसानांे को दलहनी फसलांे का उत्पादन बढ़ाने के तकनीकी पहलूओं से अवगत कराया।

दलहनी फसलांे के लिए खड़ीन का इस्तेमाल करेंःनेहरा

किसानांे को दलहनी फसलांे का उत्पादन बढ़ाने के तकनीकी पहलूओं से अवगत कराया।

बाड़मेर, 06 जून। दलहनी फसलांे के खड़ीन का इस्तेमाल करंे। इससे जल प्रबंधन के साथ अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। किसान फसल चक्र को अपनाते हुए भूमि की उर्वरता को सुरक्षित रख सकते है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने बुधवार को बायफ, काजरी एवं केयर्न इण्डिया की ओर से संचालित कृषि आधारित परियोजना के तहत सीईसी मंे एक दिवसीय दलहनी फसल उत्पादन संबंधित प्रशिक्षण के दौरान यह बात कही।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने कहा कि दलहनी फसलांे को अन्य फसलांे की तुलना मंे कम पानी एवं कम पोषक तत्वांे की आवश्यकता होती है। उन्हांेने कहा कि समय पर फसलांे की बुवाई करने के साथ पशुपालन को भी प्राथमिकता दें। उन्हांेने जल प्रबंधन के लिहाज से खड़ीन का अधिकाधिक उपयोग करने की बात कही। इस दौरान प्रशिक्षण मंे शामिल 50 किसानांे का खेतांे मंे मूंग, मोठ एवं ग्वार की प्रदर्शनी लगाने के लिए चयन किया गया। यह किसान दस-दस किसानों को दलहनी खेती से जोड़ेंगे। इस दौरान काजरी जोधपुर के सेवानिवृत प्रधान वैज्ञानिक डी.कुमार ने मूंग, मोठ एवं ग्वार की तकनीकी विधि से खेती करने के बारे मंे किसानांे को विस्तार से जानकारी दी। कृषि विज्ञान केन्द्र गुड़ामालानी के डा.प्रदीप पगारिया ने उन्नत तकनीकी के जरिए खेती करके अधिक आय उत्पादन करने के तरीकांे के बारे मंे बताया। उन्हांेनेक हा कि किसान जैविक खेती को प्राथमिकता दें। ताकि खेती की लागत मंे कमी होने के साथ अधिकाधिक उत्पादन कर अपनी आय मंे बढोतरी कर सके। केयर्न इंडिया के भानू प्रतापसिंह ने किसानांे को उन्नत तकनीकी से खेती करके अपने साथ दस-दस किसानांे को दलहनी फसलांे मूंग, मोठ एवं ग्वार की वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए आमदनी बढाने के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही। इस प्रशिक्षण मंे भाड़खा, बोथिया एवं काउ खेड़ा इलाके के 50 किसानांे ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन बायफ के डा.राघवेन्द्र दूबे ने किया। कार्यक्रम की शुरूआत जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा एवं केयर्न के सीएसआर हेड निशांत कुमार ने दीप प्रज्वलन के साथ की। इस दौरान किसानांे को विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाआंे की जानकारी देने के साथ कृषि कार्य संबंधित उपकरण वितरण किए गए।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कृषि कनेक्शन नीति-2017 में संशोधन

-कृषि कनेक्शन नीति-2017 में संशोधन बाड़मेर, 07 जून। राज्य सरकार ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नई कृषि कनेक्शन नीति-2017 के विभिन्न प्रावधानों में संशोधन किए हैं। इन संशोधनों से इस नीति में अधिक पारदर्शिता आएगी और कृषि कनेक्शन देना आसान होगा। नए संशोधन के अनुसार पारदर्शिता के प्रत्येक वर्ष अप्रैल के प्रथम सप्ताह में उपखंडवार सभी 11 केवी फीडरों के वोल्टेज रेगुलेशन की सूचना डिस्कॉम की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। निकटतम ब्लॉक सप्लाई वाले 11 केवी फीडर से ही कनेक्शनः कृषि कनेक्शन आवेदक को उसके कुएं व बोरिंग से न्यूनतम दूरी वाले निकटतम ब्लॉक सप्लाई 11 के.वी. फीडर से ही जारी किये जावेंगे। लेकिन ऐसे स्थान जहां पर ब्लॉक सप्लाई फीडर दूरस्थ स्थित है व 24 घंटे सप्लाई वाला फीडर पास में स्थित है ऐसी स्थिति में न्यूनतम दूरी वाले 24 घंटे सप्लाई फीडर से कृषि कनेक्शन दिये जा सकेंगे जिसकी स्वीकृति अधीक्षण अभियन्ता पवस की ओर से यह सत्यापित किए जाने के पश्चात जारी की जावेगी कि सम्बन्धित कनेक्शन को तकनीकी एवं आर्थिक रूप से ब्लॉक सप्लाई फीडर से दिया जाना साध्य नहीं है। यदि न्यूनतम दूरी ...

नकल प्रकरणों पर कठोर कार्रवाई की मांग -नकल गतिविधियों से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़- पूर्व सांसद

नकल प्रकरणों पर कठोर कार्रवाई की मांग 0 1 BARMER NEWS -नकल गतिविधियों से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़- पूर्व सांसद बाडमेर 8 मई। एआईसीसी सचिव एवं पूर्व सांसद हरीश चौधरी ने विभिन्न प्रतियोगी परिक्षाओं में नकल गिरोहों के माध्यम से फैल रहे नकल कारोबार को बहुत चिंता का विषय बताते हुए राज्य व केन्द्र सरकार से इस संबंध शीघ्र जरूरी कदम उठाने की मांग की है। पूर्व सांसद ने कहा कि नकल गतिविधियों से होनहार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उन्होंने कहा कि पेपर खरीदने की होड में छात्र पढ़ाई पर ध्यान देने की बजाय पेपर उपलब्ध कराने वाले तक पहुंचने में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई बीएसटीसी परीक्षा में भी यही हुआ है। उन्होने कहा कि इससे एक तो शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर गिरता है और नियमित अध्ययन करने वाले एवं अन्य छात्रों का मनोबल गिर रहा है। पूर्व सांसद ने कहा कि राज्य स्तरीय व केन्द्र स्तरीय प्रतियोगी परिक्षाओं में सभी जगह यही है और सीबीएसई भी जहां बारहवीं कक्षा का अध्ययन होता है वहां के पेपर भी इस तरह लीक हो रहे हैं। पूर्व सांसद हरीश च...

जिला कलक्टर ने 2 जुलाई से प्रारंभ होने वाली अन्नपूर्णा दूध योजना की तैयारियो की समीक्षा की।

जिला कलक्टर ने 2 जुलाई से प्रारंभ होने वाली अन्नपूर्णा दूध योजना की तैयारियो की समीक्षा की।   जून 12, 2018     बाड़मेर     बाड़मेर, 12 जून। जिले के सभी राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयांे एवं मदरसांे मंे कक्षा 1 से आठवीं तक के विद्यार्थियांे को दो जुलाई से सप्ताह मंे तीन दिन अन्नपूर्णा दूध योजना मंे ताजा गर्म दूध उपलब्ध कराया जाना है। अन्नपूर्णा दूध योजना की प्रभावी क्रियान्विति सुनिश्चित करने के लिए समुचित तैयारियां की जाए। जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल मंे अन्नपूर्णा दूध योजना संबंधित बैठक के दौरान के यह बात कही। जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने कहा कि शिक्षा विभाग आवश्यक तैयारियां समय पर पहले करें। ताकि योजना के क्रियान्वयन मंे किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। उन्हांेने कहा कि इसमंे किसी तरह की कौताही नहीं बरती जाए। साथ ही कौताही बरतने पर संबंधित अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी निर्धारित की जाएगी। उन्हांेने कहा कि विद्यालयांे मंे दूध की आपूर्ति के लिए सरस डेयरी से अनुबंध कर गुणवत्तायुक्त दूध की उपलब्धता के ल...