वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम-2007
97 वर्षीय वृद्व पिता को राहत, उपखण्ड मजिस्ट्रेट बाड़मेर द्वारा बाद सुनवाई जारी किया आदेशवृद्व पिता को भरण-पोषण राशि देनें एवं परेशान नहीं करने व सार संभाल करने हेतु पुत्रों को किया पाबंद
इंद्र बारूपाल/हितेश तंवर
बाड़मेर। उपखण्ड मजिस्ट्रेट बाड़मेर नीरज मिश्र द्वारा माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम-2007 के अन्तर्गत 97 वर्षीय कंुभाराम द्वारा पेश किये गये परिवाद में अविलम्ब ही वृद्व एवं लाचार पिता की उसके पुत्रों के रुबरु सुनवाई करते हुए वृद्व पिता को प्रति माह भरण पोषण राशि देने एवं परेशान नहीं करने व वृद्व पिता की सार संभाल करने हेतु पुत्रों को पाबन्द किया गया है।
उपखण्ड मजिस्ट्रेट बाड़मेर द्वारा पारित आदेश के अनुुसार उक्त 97 वर्षीय वृद्व पिता के 4 पुत्र है, पत्नि का पूर्व में ही स्वर्गवास हो चुका है। वर्तमान में उसके पुत्रों द्वारा अपने वृद्व एवं लाचार पिता का भरण-पोषण नहीं करना एवं उसे परेशान करना पाया गया। जिस पर प्रत्येक पुत्र को प्रति माह दो हजार के हिसाब से कुल आठ हजार रुपये की राशि प्रति माह अपने वृद्व पिता को अदा करने का आदेश दिया गया है। उक्त राशि पिता के बैंक खाते में जमा की जावेगी। पुत्रों द्वारा अपने वृद्व पिता की समय-समय पर सार संभाल एवं बीमारी के उपचार आदि की व्यवस्था भी की जावेगी।
प्रार्थी के पुत्र अपने वृद्व पिता के साथ सदभावना पूर्वक व्यवहार एवं आदर सत्कार करेगें तथा अपने वृद्व पिता को प्रताड़ित नहीं करेगे। प्रार्थी वृद्व पिता अपनी इच्छा के अनुसार बारी-बारी से अपने किसी भी पुत्र के साथ रह सकेगा। वृद्व पिता को किसी भी एक पुत्र के साथ रहने हेतु पुत्रों द्वारा बाध्य नहीं किया जावेगा।
भरण पोषण अधिकरण द्वारा उक्त प्रकरण में पारित उपरोक्त निर्देशों की समय-समय पर निगरानी रखने एवं पालना करवानें हेतु थानाधिकारी पुलिस थाना सदर, बाड़मेर को भी निर्देशित किया गया है।
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